Money Supply aur Bitcoin ka Connection : बिटकॉइन और ग्लोबल इकोनॉमी के बीच गहरा संबंध बनता जा रहा है।
हाल ही में आपने कई जगह एक चार्ट देखा होगा जिसमें M2 Money Supply और Bitcoin को जोड़ा जा रहा है।
लेकिन सवाल ये है कि इसका असली मतलब क्या है? क्या वाकई बिटकॉइन M2 Money Supply को ट्रैक करता है?
आइए सरल भाषा में समझते हैं – M2 Money Supply vs Bitcoin के बारे में।
M2 Money Supply kya hai (M2 Money Supply Explained) – M2 मनी सप्लाई क्या है?
M2 – मनी सप्लाई को मापने का एक पैमाना है। यह बताता है कि सिस्टम में कितनी Liquidity है।
यह पूरी तरह नकद (Cash) नहीं होता, लेकिन ऐसा धन (Asset) होता है जिसे जल्दी से नकदी में बदला जा सकता है।
M2 Money Supply me kya shamil hai? – M2 Money Supply में क्या शामिल है?
M2 Money Supply में ये मुख्य चीजें शामिल हैं:
- Cash
- Checking Deposits: वो खाता होता है जिसमें रखा पैसा आप कभी भी खर्च कर सकते हैं।
- Saving Deposits: वो जमा पैसा है जिसे आप बैंक से कभी भी निकाल सकते हैं।
- Short-Term Money Market Funds: ये ऐसे फंड्स हैं जहाँ पैसा कम समय के लिए सुरक्षित रूप से लगाया जाता है।
इसलिए, M2 = नकद (Cash) + चालू खाता जमा (Checking Deposits) + बचत खाता जमा (Savings Deposits) + शॉर्ट-टर्म मनी मार्केट फंड्स
सीधे शब्दों में कहें तो: वो सारा पैसा, जो खर्च और निवेश के लिए तैयार है।
P.S. जब M2 बढ़ता है तो Liquidity बढ़ता है और Bitcoin की कीमत तेज़ी से बढ़ती है
।
जब M2 घटता है तो Liquidity घटता है और Bitcoin की कीमत स्थिर या कमजोर रहती है।
अमेरिका की M2 मनी सप्लाई अब $21.9 ट्रिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर है।

Source: The Kobeissi Letter
हर देश का M2 अलग होता है, जैसे:
- M2 US = अमेरिका की मनी सप्लाई
- M2 China
- M2 India – $811.7 बिलियन
- M2 Eurozone आदि।
M2 Money Supply Bitcoin ko kaise prabhavit karti hai – M2 Money Supply और Bitcoin का क्या कनेक्शन है?
जब M2 बढ़ती है, तो Bitcoin एक्सप्लोड करता है
- 2016–2017: चीन में क्रेडिट बूम के बाद बिटकॉइन की कीमत में जबरदस्त उछाल आया था।
- 2020–2021: कोविड के दौरान जबरदस्त नोट छपाई हुई और बिटकॉइन ~$7K से बढ़कर $69K तक पहुंच गया था।
हर बार जब भी Bitcoin में Bull Run आया, वह M2 (Money Supply) के बढ़ने के समय ही आया।
अब यह आप पर डिपेंड करता है कि आप इसे एक संयोग मानते हैं या फिर M2 मनी सप्लाई की ताकत।
जब M2 घटती है, तो Bitcoin स्ट्रगल करता है
साल 2022 में फेडरल रिज़र्व ने Tightening (जब लिक्विडिटी को कम किया जाता है) शुरू की और M2 की ग्रोथ को धीमा कर दिया।
जिससे मार्केट से लिक्विडिटी (पैसा) कम होने लगी। और Bitcoin की कीमत $69,000 से गिरकर ~$16,000 तक पहुंच गई।
जब इकोनॉमी में पैसे की लिक्विडिटी घटती है, तो Bitcoin जैसी रिस्की असेट्स सबसे ज़्यादा प्रभावित होती हैं।
इसलिए हम कह सकते हैं कि – M2 यह नहीं बताता कि BTC का दाम क्या होगा, लेकिन यह संकेत जरूर देता है कि बाज़ार ऊपर जाएगा या नीचे।
M2 supply badhne par log Bitcoin kyon kharidte hain? – M2 सप्लाई बढ़ने पर लोग बिटकॉइन क्यों खरीदते हैं?
जैसे-जैसे M2 बढ़ती है, लोग रुपये/डॉलर जैसी करंसी से डरकर बिटकॉइन जैसे सुरक्षित ऑप्शन की तरफ बढ़ते हैं जो महंगाई से (Hedge) बचा सके।
2025 में, जैसे ही फरवरी से M2 बढ़ने लगी, बिटकॉइन की कीमत में भी उछाल देखा गया – यानी बड़े निवेशकों को इसका अंदाज़ा पहले ही हो गया था।
ऐसे में बिटकॉइन ही एक ऐसा असेट्स है जो पूरी तरह से दुर्लभ है और सप्लाई Inelastic है (यानी इसे बढ़ाया नहीं जा सकता)। जबकि दूसरे असेट्स :
- स्टॉक्स (Stocks) पहले से ही Overvalued और साइडवेज़ चल रहे हैं।
- रियल एस्टेट इलिक्विड (illiquid) होता है, बाज़ार स्टेगनेंट (Stagnant) है।
- सोना बेहतर है, लेकिन Elastic सप्लाई है। (सप्लाई बढ़ रही है)
- बॉन्ड्स में रिटर्न फ्लैट है।
- कैश खुद स्ट्रगल कर रहा है और धीरे-धीरे अपनी वैल्यू खो रहा है।
क्या कारण हैं कि ग्लोबल M2 बढ़ने वाला है?
ग्लोबल M2 मनी सप्लाई अब नए ATH $55.48 ट्रिलियन डॉलर पर पहुँच चुकी है।
(और साथ ही ग्लोबल Debt लगभग $324 ट्रिलियन तक पहुँच गया है )
सरकारें पुराने कर्ज को चुकाने और इकोनॉमिक स्टिमुलस के लिए अब ज़्यादा खर्च कर रही हैं।
अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ (European Union) अब मंदी (Recession) से निपटने के लिए पैसे छाप रहे हैं।
ज्यादा मनी सप्लाई का मतलब है:
- महंगाई बढ़ने की संभावना और
- बिटकॉइन जैसे एसेट्स में बूम आने की उम्मीद।
अंतिम विचार
एक क्रिप्टो ट्रेडर होने के नाते आपको M2 की फिक्र करनी चाहिए। क्योंकि M2 सीधे लिक्विडिटी को प्रभावित करता है।
M2 बढ़ेगा तो Bitcoin में ग्रोथ की संभावना होती है और वहीं अगर M2 घटेगा तो Bitcoin में गिरावट आ सकती है।
अभी भी यह एक भरोसेमंद Indicator है और बिटकॉइन की दिशा को समझने में मदद करता है।
समझदारी यही है कि डेटा को सही से पढ़े और ट्रेंड्स को नज़रअंदाज़ न करें।